2008 में, Google ने Chrome पेश किया, और ब्राउज़र प्रौद्योगिकी में एक नवाचार के रूप में इसका प्रभाव तत्काल था। यह साइटों को लोड करने के लिए तेज़ था, न्यूनतम स्क्रीन स्पेस ले रहा था और निर्विवाद रूप से सरल उपयोगकर्ता इंटरफ़ेस लेकर आया था।
आज की बात करें तो, ब्राउज़रों के लिए प्रतिस्पर्धी परिदृश्य बदल गया है, कई लोगों ने सवाल करना शुरू कर दिया है कि उनके ऑनलाइन डेटा का क्या हो रहा है जैसे ब्राउज़िंग इतिहास, पासवर्ड और अन्य संवेदनशील जानकारी। 2008 में, जब Chrome आया था, तब से अब तक बहुत कुछ बदल गया है। Firefox में हम धीमे-धीमे, हमारे इंटरफ़ेस को फिर से डिज़ाइन करने और उपयोगकर्ताओं को निजता और प्रदर्शन बढ़ाने के ऐसे उपकरण देने की ओर काम कर रहे हैं जो तयशुदा रूप से स्वचालित हैं और साथ ही बहुत सारे आसान ब्राउज़र टूल भी उन्हें उपलब्ध कराने के लिए समर्पित हैं।
अब हम इस स्थिति में हैं कि ब्राउज़रों के बीच प्रतिस्पर्धा एक बार फिर से बढ़ रही है और यही समय है पुनर्मूल्यांकन का और Firefox ब्राउज़र बनाम Google Chrome की तुलना करने का।

सुरक्षा और निजता
सुरक्षा और निजता | ![]() |
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निजी ब्राउज़िंग मोड | ||
अपने-आप ही थर्ड पार्टी ट्रैकिंग कुकीज़ ब्लॉक कर देता है | ||
क्रिप्टोमाइनिंग स्क्रिप्ट्स को ब्लॉक कर देता है | ||
सोशल ट्रैकर्स को ब्लॉक कर देता है |
Firefox में, हमारे पास समर्पित उपयोगकर्ताओं की एक बड़ी संख्या है जो ऑनलाइन निजता के लिए हमारे दृढ़ समर्पण की सराहना करते हैं। उदाहरण के लिए, Firefox के नवीनतम संस्करण में उन्नत ट्रैकिंग सुरक्षा (ETP)नामक एक सुविधा शामिल है, जो दुनिया भर में सभी उपयोगकर्ताओं के लिए डिफ़ॉल्ट रूप से चालू है। 2,000 से अधिक ट्रैकरों को उन्नत ट्रैकिंग सुरक्षा अवरुद्ध कर देती है, जिसमें Facebook, Twitter, और LinkedIn जैसी कंपनियों से सामाजिक ट्रैकर शामिल हैं। इसमें Firefox Monitor नामक एक एकीकृत सुविधा भी है जो स्वतः आपको सूचित करती है कि आपका पासवर्ड लीक हो गया है या उसे अपडेट करने की आवश्यकता है। इन सुरक्षाओं के अलावा, Firefox में निजी ब्राउज़िंग मोड आपकी ब्राउज़िंग जानकारी जैसे इतिहास और कुकीज़ को स्वतः हटा देता है, जिससे आप अपना सत्र समाप्त करने के बाद कोई निशान नहीं छोड़ते हैं।
हमने अपनी नवीनतम निजता सूचना में उपयोगकर्ता डेटा के संबंध में निजता और पारदर्शिता के प्रति हाल ही में हमारी अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई है, जिसमें कहा गया है, "Mozilla में, हमारा मानना है कि निजता एक स्वस्थ इंटरनेट के लिए मूलभूत है।"
Google Chrome सभी पहलुओं से एक सुरक्षित ब्राउज़र है, जिसमें Google सुरक्षित ब्राउज़िंग जैसी विशेषताएँ हैं, जो खतरनाक साइटों को नेविगेट करने या खतरनाक फ़ाइलों को डाउनलोड करने का प्रयास करने पर उपयोगकर्ताओं को एक आसानी से नज़र में आने वाली चेतावनी प्रदर्शित करने में मदद करती हैं।
वास्तव में, Chrome और Firefox दोनों सुरक्षा के मामले में सख्त हैं। दोनों में "सैंडबॉक्सिंग" नामक एक चीज़ शामिल है, जो ब्राउज़र की प्रक्रियाओं को अलग करती है, इसलिए हानिकारक वेबसाइट जैसी कोई चीज़ आपके लैपटॉप या अन्य डिवाइस के अन्य हिस्सों को संक्रमित नहीं करती है।
जबकि Chrome एक सुरक्षित वेब ब्राउज़र साबित होता है, लेकिन इसका निजता रिकॉर्ड संदिग्ध है। Google वास्तव में अपने उपयोगकर्ताओं से स्थान, खोज इतिहास और साइट विज़िट सहित बड़ी मात्रा में डेटा एकत्र करता है। Google डेटा कलेक्शन के लिए कहता है कि वह अपनी सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए ऐसा कर रहा है – जैसे कि आपके द्वारा पहले खरीदे गए किसी स्वेटर जैसे स्वेटर को दिखाना या पहले विज़िट किए हुए कॉफ़ी शॉप जैसे शॉप को खोजना। हालांकि, अन्य लोग असहमत हो सकते हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि Google वास्तव में अपने स्वयं के विपणन उद्देश्यों के लिए अभूतपूर्व मात्रा में डेटा एकत्र कर रहा है। वे कहते हैं कि वे आपकी जानकारी को हैकर्स से निजी रख रहे हैं, लेकिन बात इस बारे में नहीं है। Google स्वयं दुनिया का सबसे बड़ा विज्ञापन नेटवर्क चलाता है, इसमें उपयोगकर्ताओं से लिए हुए डेटा का भी हाथ है।
अंतत: यह तय करना आप पर निर्भर है कि आपके खोज इतिहास और खरीदारी इतिहास जैसी चीजों को साझा करने पर आप रोक लगाना चाहते हैं या नहीं, यदि हाँ तो कब और कैसे। लेकिन अगर आप ज़्यादातर लोगों की तरह हैं, तो आपने शायद इंटरनेट पर कभी न कभी कुछ ऐसी चीज़ों की तलाश की होगी जिन्हें आप गुप्त रखना चाहेंगे।
उपयोगिता
उपयोगिता | ![]() |
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ऑटोप्ले को ब्लॉक कर देता है | ||
टैब ब्राउज़िंग | ||
बुकमार्क प्रबंधक | ||
स्वतः फ़ॉर्म भरता है | ||
खोज इंजन विकल्प | ||
?बोलने के लिए टैक्स्ट | ||
रीडर मोड | ||
वर्तनी जांच | ||
वेब एक्सटेंशन/ऐड-ऑन | ||
इन-ब्राउज़र स्क्रीनशॉट टूल |
सुविधाओं के संदर्भ में, दोनों Firefox और Chrome एक्सटेंशन और प्लग-इन की एक बड़ी लाइब्रेरी की पेशकश करते हैं, Chrome के कैटलॉग में किसी भी अन्य ब्राउज़र से बहुत अधिक सुविधाएँ हैं और यह अच्छी तरह से अन्य Google सेवाओं, जैसे Gmail और Google Docs के साथ मिल जाता है।
Chrome के ऐड-ऑन लाइब्रेरी जितना Firefox व्यापक नहीं है, लेकिन ओपन-सोर्स सॉफ़्टवेयर के रूप में बड़ी संख्या में सक्रिय योगदानकर्ताओं के साथ, बहुत सारे उपयोगी एक्सटेंशन उपलब्ध कराता है।
Firefox में आपके खुले और हाल के टैब, ब्राउज़िंग इतिहास और बुकमार्क को आपके सारे डिवाइस में सिंक करने की सुविधा है।
जबकि Chrome के ऐड-ऑन और एक्सटेंशन बढ़िया हैं, Firefox में सुविधाओं का एक अच्छी तरह तराशा हुआ सेट है, जैसे कि अविश्वसनीय रूप से आसान स्क्रीन कैप्चर टूल और रीडिंग मोड की सुविधा जो पेज में केवल उस टेक्स्ट को रखती है जो आप पढ़ रहे हैं, और बाकी सब हटा देती है।
यदि आपको कई टैब एक साथ खोलकर काम करने की आदत है, तो बात आपकी यूआई वरीयता पर आती है। Firefox आपके सारे टैब्स को क्षैतिज रूप से स्क्रॉल करने देता है बजाय कि नया टैब खोलने पर उन्हें और छोटे सिकोड़ने के। Google Chrome उन्हें इतना छोटा कर देता है कि केवल फ़ेविकॉन (आइकन) ही दिखाई देता है। इसके साथ एकमात्र समस्या यह है कि जब आपके पास एक ही वेबसाइट से कई टैब खुले होते हैं, तो आप अपने सारे टैब्स में एक ही फ़ेविकॉन देखते हैं।
जहाँ कस्टमाइज़ करने की बात आती है, हमारे अनुयायी आपको बताएँगे कि हमारे ब्राउज़र के बारे में वे सबसे अधिक इस बात को पसंद करते हैं कि यह आपको अपनी आवश्यकताओं के अनुसार अधिकांश यूआई तत्वों को स्थानांतरित करने और व्यवस्थित करने की अनुमति देता है। Chrome आपको कुछ यूआई तत्वों को छिपाने की अनुमति देता है, लेकिन आपकी वरीयताओं के आधार पर चीज़ों को स्थानांतरित करने की सुविधा नहीं है। हालांकि, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि दोनों Chrome और Firefox आपके ब्राउज़र की दिखावट और विषय को बदलना बहुत आसान बनाते हैं।
??पोर्टेबिलिटी
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OS उपलब्धता | ||
मोबाइल OS उपलब्धता | ||
मोबाइल के साथ सिंक करता है | ||
पासवर्ड प्रबंधक | ||
मुख्य पासवर्ड |
कहने की आवश्यकता नहीं है, दोनों Firefox और Chrome सबसे लोकप्रिय डेस्कटॉप और मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए उपलब्ध हैं जैसे कि (Windows, macOS, Linux, Android, iOS)।
Chrome और Firefox दोनों आपको पासवर्ड, बुकमार्क, और खुले टैब जैसी चीज़ों को अपने सभी डिवाइस पर सिंक करने की अनुमति देते हैं। हालांकि Firefox में एक प्राथमिक पासवर्ड की अतिरिक्त सुरक्षा है जो सभी सहेजे गए लॉगिन और पासवर्ड को और भी मज़बूत सुरक्षा देता है। यदि आपके पास Firefox एकाउंट है, तो आप अपने डेस्कटॉप से अपनी मोबाइल डिवाइस पर एक खुला टैब मैन्युअल रूप से भेज सकते हैं या इसका उल्टा भी कर सकते हैं। Chrome में यह स्वतः किया जाता है यदि आपने अपनी वरीयताओं में उस सेटिंग को चुना है। एक डिवाइस से दूसरे में टैब को मैन्युअल रूप से नहीं भेजना पड़े, यह सुविधाजनक है जब आप एक लेख पढ़ना चाहते हों जिसे आप पहले पूरा नहीं कर पाए। लेकिन कई स्थितियों में स्वत: सिंक्रनाइज़ेशन आदर्श नहीं होता, खासकर तब जब कई उपयोगकर्ता आपके Google एकाउंट से साइन इन करके ब्राउज़ कर रहे हैं।
संपूर्ण विश्लेषण
हमें लगता है कि यह कहना उचित है कि Firefox और Chrome पोर्टेबिलिटी और उपयोगिता के मामले में वास्तव में आसपास हैं, पर Chrome की एक्सटेंशन की विशाल लाइब्रेरी और ऐड-ऑन सुविधाएँ इसे उपयोगिता के मामले में थोड़ी बढ़त देते हैं। लेकिन निजता के संदर्भ में, Firefox सबसे आगे है, क्योंकि हम हमारे उपयोगकर्ताओं के ऑनलाइन डेटा को संरक्षित करने और डेटा उल्लंघन होने पर आपको सतर्क करने वाले पासवर्ड प्रबंधकों जैसी निःशुल्क सेवाएँ प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
व्यावहारिक रूप से, वास्तव में कुछ भी नहीं है जो आपको दोनों ब्राउज़र का उपयोग करने से रोक रहा है — Firefox जीवन में उन क्षणों के लिए जब निजता वास्तव में मायने रखती है और Chrome यदि आप अभी भी Google के परितंत्र में निवेशित हैं। फिर भी हमारे व्यक्तिगत डेटा में बढ़ती घुसपैठ के साथ, Firefox हममें से उन लोगों के लिए लंबे समय में सही विकल्प साबित हो सकता है जो अपनी ऑनलाइन व्यक्तिगत निजता की परवाह करते हैं।
तयशुदा सेटिंग और सभी ब्राउज़र्स के रिलीज़ संस्करणों की यहॉं निम्नलिखित तुलना की गई थी :
Firefox (81) |
Chrome (85)
इस पेज़ को नवीनतम संस्करणों को दिखाने के लिए डेढ़ महीने पर अपडेट किया जाता है और हो सकता है कि यह हमेशा नवीनतम अपडेटों को ही ना दिखाए।